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NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 8 Press culture and nationalism (Hindi Medium)

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प्रेस संस्कृति एवं राष्ट्रवाद (Press culture and nationalism)
NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 8 Press culture and nationalism (Hindi Medium)
छापा-खाना क्या है? इससे क्या संभव है? इसका बचाने का श्रेय किसे जाता है?
➡️ छापा-खाना एक यंत्र है जिसके द्वारा कागज़ पर छपाई संभव हो सकी है। छापाखाना के कारण ही आज किताबों की भारी संख्या में छपाई संभव है। छापाखाना के आविष्कार का श्रेय जर्मनी के गुटेनबर्ग को जाता है।

रेशम मार्ग से आप क्या समझते हैं?
➡️ वह मार्ग जिससे प्राचीन काल से ही चीन मध्य एशिया तथा यूरोप के बीच व्यापार होता था रेशम मार्ग कहलाता है। समकंद एशिया सीरिया मार्ग से प्राचीन काल में चीन का रेशम इसी मार्ग से यूरोप पहुंचता था। इसी कारण इसका नाम "रेशम मार्ग" रखा गया।

बाइबिल क्या है?
➡️ बाइबिल ईसाईयों का पवित्र धर्मग्रंथ है। गुटेनबर्ग ने अपने मुद्रण यंत्र हैंडप्रेस से सबसे पहली पुस्तक जो छापी थी वह बाइबिल थी।

वर्नाक्यूलर एक्ट क्या था?
➡️ वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट 1978 ईस्वी में लॉर्ड लिटन द्वारा शुरू किया गया था। इस एक्ट के द्वारा भारतीय प्रेस पर नियंत्रण रखने का प्रयास किया गया। यह एक भारतीय समाचार पत्रों की भाषा और भावना को नियंत्रित करने में सफल रहा। इसने जनता में असंतोष की भावना को जन्म दिया।

मराठा समाचार पत्र के बारे में आप क्या जानते हैं?
➡️ मराठा अंग्रेजी में प्रकाशित समाचार पत्र था। इसका प्रकाशन 1881 ईस्वी में मुंबई (आधुनिक मुंबई) से हुआ था। बाल गंगाधर तिलक इसके संपादक थे। यह उग्र राष्ट्रवादी विचारों से प्रभावित पत्र था। जिसका जन-मानस पर व्यापक प्रभाव था।

मार्टिन लूथर कौन था? वह विश्व इतिहास में क्यों प्रसिद्ध है?
➡️ मार्टिन लूथर ने रोमन कैथोलिक चर्च की कुरीतियों की आलोचना करते हुए अपनी 95 स्थापना लिखी। उसने चर्च को इसके माध्यम से शास्त्रार्थ के लिए चुनौती भी दी लूथर के लेख आम लोगों में काफी लोकप्रिय हुए। लूथर ने धर्म सुधार आंदोलन की शुरुआत की जिसके फलस्वरूप प्रोटेस्टेंटवाद का जन्म हुआ।

प्रोटेस्टेंटवाद क्या था?
➡️ मार्टिन लूथर द्वारा रोमन कैथोलिक चर्च की कुरीतियों की ओर आम लोगों का ध्यान आकृष्ट कराये जाने के बाद कैथोलिक चर्च का विभाजन हो गया। धर्म सुधार आंदोलन की शुरुआत हुई। सुधार-वादियों के प्रतिबाद (प्रोस्टेट) के कारण ही इसे प्रोटेस्टेंटवाद नाम दिया गया।

सर सैयद अहमद कौन थे?
➡️ सर सैयद अहमद पहले भारतीय मुसलमान थे जिन्होंने मुसलमानों को संगठित करने, उनकी अंग्रेजी भाषा में शिक्षा तथा उनके आधुनिकरण का प्रयास किया। इसके लिए उन्होंने साइंटिफिक सोसाइटी की तथा अलीगढ़ में एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की। उन्होंने अलीगढ़ जर्नल नाम से समाचार पत्र भी निकाला।

गुटेनबर्ग कौन था?
➡️ गुटेनबर्ग जर्मनी के मेंज नगर में कृषक जमींदार व्यापारी परिवार में जन्म लिया था। गुटेनबर्ग ने हैंडप्रेस नामक मुद्रण यंत्र बनाया था; जिससे सुंदर, सस्ता और शीघ्र छपाई करना संभव हुआ। वस्तुतः छापा-खाना के आविष्कार का श्रेय गुटेनबर्ग को ही जाता है।

पांडुलिपि क्या है? इसकी क्या उपयोगिता है?
➡️ हस्तलिखित पुस्तक को पांडुलिपि कहते हैं। छापाखाना के विकास से पहले हस्तलिखित पांडुलिपियों को तैयार करने की पुरानी तथा समृद्ध परंपरा थी। पांडुलिपि काफी नाजुक, पुरानी, महंगी तथा दुर्लभ होती है। यह आम जनता के पहुंच के बाहर थी। छापाखाना के विकास के पहले पांडुलिपि पुस्तक का कार्य करती थी। पांडुलिपि हमारे पूर्वजों के दुर्लभ ज्ञान का अक्षुण भंडार थी। इनका अध्ययन करके आसानी से ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।

लॉर्ड लिटन ने राष्ट्रीय आंदोलन को गतिमान बनाना। कैसे?
➡️ भारतीय प्रेस अंग्रेजी राज की शोषणकारी या दमनकारी नीतियों का पर्दाफाश कर जन जागरण फैलाने का कार्य कर रही थी। लिटन ने इस एक्ट के द्वारा समाचार पत्रों का मुंह बंद रखने का प्रयास किया। किंतु इसके प्रतिक्रिया स्वरूप जनमानस में आक्रोश भर गया और उनमे राष्ट्रीयता की भावना और उग्र हुई जिसके फलस्वरूप राष्ट्रीय आंदोलन की गति और तीव्र हुई।

छापाखाना से क्या लाभ हुआ? छापाखाना यूरोप में कैसे पहुंचा?
➡️ छापाखाना लकड़ी के ब्लॉक द्वारा होता था। यह मुद्रण कला समरकंद पर्शिया मार्ग (सिल्क रुट) से यूरोप तक पहुंची। इसे यूरोप पहुंचाने वाला रोमन मिशनरी एवं मार्कोपोलो था। वहां इस काल का प्रयोग ताश एवं धार्मिक चित्र छापने के लिए किया गया, किंतु रोमन लिपि में अक्षरों की संख्या कम थी। अतः लकड़ी तथा धातु के बने घुमावदार टाईपो का प्रसार तेजी से  हुआ। छापाखाना से पुस्तक ज्यादा मात्रा में जल्दी छपने लगी। फलस्वरूप ज्ञान का वितरण संपूर्ण विश्व में तेजी से फैल गया।

स्वतंत्र भारत में प्रेस की भूमिका पर प्रकाश डालें?
➡️ भारत में प्रेस पत्रकारिता, साहित्य, मनोरंजन, ज्ञान-विज्ञान, प्रशासन, राजनीति आदि को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रहा है। यह ज्ञान की हर गतिविधियों को प्रभावित कर रहा है। आज प्रेस देश की जनता को नेता की कारगुजारीओं, घोटालों एवं सरकारी नीतियों की खामियों से अवगत करा रहा है।

यंग इंडिया समाचार पत्र के बारे में बताएं?
➡️ यंग इंडिया अंग्रेजी में प्रकाशित समाचार पत्र था। इसका प्रकाशन 1919 ईस्वी में अहमदाबाद में हुआ। इसके संपादक महात्मा गांधी थे। इसके माध्यम से महात्मा गांधी ने अपने विचारों तथा राष्ट्रवादी आंदोलन का प्रचार जन-जन तक किया।

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