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NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 3 Nationalist movement in Indian China (Hindi Medium)

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हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन (Nationalist movement in Indian China)
NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 3 Nationalist movement in Indian China (Hindi Medium)
रासायनिक हथियारों नापाम एवं एजेंट ऑरेंज का वर्णन करें?
➡️ अगस्त, 1964 ईस्वी में अमेरिका ने उत्तरी वियतनाम पर आक्रमण कर दिया। इस आक्रमण में उसने खतरनाक हथियारों, टैंकों एवं बमवर्षक विमानों के व्यापक प्रयोग के साथ-साथ खतरनाक रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया। रासायनिक हथियारों से केवल तोड़-फोड़ नहीं होती वरन इसका पर्यावरण एवं मानव जीवन पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है। ऐसे ही कुछ रासायनिक हथियार थे - नापाम बम, एजेंट ऑरेंज तथा फास्फोरस बम।
नापाम बम में नापाम नामक एक कार्बनिक योगिक होते हैं जो अग्नि बमों में गैसोलीन के साथ मिलकर एक ऐसा मिश्रण तैयार करता है जो त्वचा में चिपक जाता और जलता रहता है। इससे विषैली गैस भी निकलती है।
एजेंट ऑरेंज एक ऐसा जहर है। जिससे पेड़ों की पत्तियां तुरंत झूलस जाती है एवं पेड़ मर जाते हैं। जंगलों को खत्म करने में इसका प्रयोग किया जाता है। इसका यह नाम ऑरेंज पट्टी बने ड्रामो में रखे जाने के कारण परा। वियतनाम युद्ध में अमेरिका ने इसका इस्तेमाल जंगलों के साथ-साथ खेतों तथा अवादी पर भी जमकर किया। उस क्षेत्र में इसका असर जन्मजात विकलांगता था कैंसर के रूप में आज भी देखा जा सकता है।

हो ची मिन्ह मार्ग क्या है? बताएं।
➡️ हो ची मिन्ह मार्ग हनोई में चलकर लाओस कंबोडिया के सीमा क्षेत्र से गुजरता हुआ दक्षिणी वियतनाम तक जाता था। इससे सैकड़ों कच्ची पक्की सड़के निकलकर पूरे वियतनाम से जुड़ी थी। यह वियतनामी की रसद सप्लाई मार्ग था। यह मार्ग काफी मजबूत था। अमेरिका सैकड़ों बार इस पर बमबारी कर चुका था, परंतु वियतकांग एवं उसके समर्थित लोग तुरंत उसकी मरम्मत कर लेते थे। चुकी हो ची मिन्ह मार्ग वियातकांग की जीवन रेखा थी, अतः अमेरिका इस पर नियंत्रण करना चाहता था। इसी क्रम में उसने लाओस अवाम कंबोडिया पर आक्रमण भी किया किंतु 3 तरफा संघर्ष में फंसकर उसे वापस होना पड़ा था।

हिंद चीन का अर्थ क्या है?
➡️ हिंद चीन का तात्पर्य तत्तकालीन 2. 8 लाख वर्ग किलोमीटर में फैले उस प्रायद्वीपीय क्षेत्र से है जिसमें आज के वियतनाम, लाओस और कंबोडिया आते हैं। इनकी उत्तरी सीमा म्यांमार एवं चीन को छूती है। दक्षिणी चीन सागर है। इसके पश्चिम में भी म्यांमार क्षेत्र पड़ता है।

बाओदाई कौन था?
➡️ बाओदाई अन्नम का राजा था। 1945 ईस्वी में वियतनाम गणराज्य बन जाने के कारण 25 अगस्त, 1945 ईस्वी को वह राज सिंहासन छोड़ लंदन में बस गया। 1949 ईसवी में फ्रांस ने बाओदाई को सैनिक सहायता के साथ दक्षिण वियतनाम का शासक बना दिया। बाओदाई स्वयं की कमजोर स्थिति को समझता था। जेनेवा समझौता के बाद भी बाओदाई प्रायः फ्रांस में ही रहता था।

जेनेवा समझौता कब और किन के बीच हुआ?
➡️ जेनेवा समझौता मई, 1954 ईस्वी में हिंदी चीन समस्या पर वार्ता हेतु बुलाया गया सम्मेलन में हुआ। इसमें वियतनाम को दो हिस्सों में बांट दिया गया। लाओस तथा कंबोडिया में वैध राजतंत्र को स्वीकार कर संसदीय शासन प्रणाली को अपनाया गया।

होआ होआ आंदोलन की चर्चा करें?
➡️ जेनेवा समझौता के बाद दक्षिण वियतनाम में गृह कलह की स्थिति बन गई।  इसमें एक धार्मिक वर्ग होअा होआ द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन की मुख्य भूमिका थी। होअा होआ आंदोलन के काफी आक्रमक हो जाने पर न्यो दिन्ह दियम ने बड़ी क्रूरता पूर्वक इसे दबाया।

एकतरफा अनुबंध व्यवस्था क्या थी?
➡️ एकतरफा अनुबंध व्यवस्था एक तरह की बंधुआ मजदूरी थी। इसमें मजदूरों को कोई अधिकार प्राप्त नहीं था, जबकि मालिक को असीमित अधिकार प्राप्त थे। रबर बगनों के खेतों एवं खानों में मजदूरों से एकतरफा अनुबंध व्यवस्था पर काम दिया जाता था।

हिंदी चीन में फ्रांसीसी प्रचार का वर्णन करें?
➡️ हिंदी चिन्ह आने वाले यूरोपीय नो में पुर्तगाली, डच, अंग्रेज तथा फ्रांसीसी थे। इनमें से केवल फ्रांस ही इस भू-भाग पर राजनीतिक प्रभुत्व कायम करने हेतु सक्रिय रहा। 1747 ईसवी में फ्रांस ने व्यापार के उद्देश्य से अन्नाम के साथ राजनयिक संबंध बनाया। 1787 में फ्रांसीसी सहायता में कोचीन चीन का राजा विद्रोह दबाने में सफल रहा। फलतः दोनों में संधि हो गई।
19 वी सदी के प्रारंभ में अन्नाम और कोचिन चीन में फ्रांसीसी पादरियों के विरुद्ध उग्र आंदोलन छिड़ गया। फ्रांस ने सैन्य बल पर 1862 ईसवी में अन्नाम को संधि के लिए बाध्य किया। 1863 ईसवी में कंबोडिया भी फ्रांस का संरक्षित राज्य बन गया। 1873 ईसवी में फ्रांस ने तोंकिन के कुछ भागों पर अपनी सत्ता स्थापित कर ली। 1884 ईस्वी में फ्रांस ने अन्नाम को अपना संरक्षित राज्य बना लिया। 1893 में फ्रांस ने लाओस के रूप में नया फ्रांसीसी संरक्षित क्षेत्र बनाया जिसमें 1904 ईस्वी में कुछ और क्षेत्र जुड़ गए। इस प्रकार 20वीं शताब्दी के प्रारंभ होते ही संपूर्ण हिन्द चीन फ्रांस की अधीनता में आ गया।

हो ची मिन्ह के संबंध में संक्षिप्त जानकारी दें?
➡️ हो ची मिन्ह वर्तमान वियतनाम के जनक थे। हो ची मिन्ह का दूसरा नाम न्यूगन आइ क्वोक भी था। हिंद चीन में राष्ट्रीयता के विकास के क्रम में ही 1917 में उन्होंने पेरिस में साम्यवादीयों का दल बनाया। पुनः वे साम्यवाद की शिक्षा प्राप्त करने मास्को गए। साम्यवाद से प्रेरित होकर 1925 में उन्होंने " वियतनामी क्रांतिकारी " दल का गठन किया। साथ ही कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था कर ली। 1930 ईस्वी में उन्होंने वियतनामी साम्यवादी दल की स्थापना की। द्वितीय विश्व युद्ध के समय हो ची मिन्ह ने वियतमिन्ह ( वियतनाम स्वतंत्रता लीग ) की स्थापना की। हो ची मिन्ह ने वियतनाम के प्रायः सारे क्षेत्र पर नियंत्रण कर 2 सितंबर, 1945 ईस्वी को वियतनाम के स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। वहां लोकतंत्र गणराज्य वाली सरकार स्थापित हुई जिसके प्रधान हो ची मिन्ह थे। 1950 ईसवी में हो ची मिन्ह ने अपनी सरकार को पूर्ण समीवादी स्वरूप प्रदान किया गया। 1 सितंबर, 1969 ईस्वी को हो ची मिन्ह का देहांत हो गया।

अमेरिका हिंद चीन में कैसे दाखिल हुआ, चर्चा करें?
➡️ 1950 ईस्वी में उत्तरी वियतनाम में हो ची मिन्ह की साम्यवादी सरकार तथा दक्षिणी वियतनाम में बाओदाई कि फ्रांस समर्थित सरकार लगातार बढ़त बनाए थी। इसी क्रम में दिए न विएन फू दुर्ग पर साम्यवादी हो ची मिन्ह की सेना ने फ्रांसीसी सेना को बुरी तरह हराकर कब्जा कर लिया। ऐसी स्थिति में साम्यवाद के बढ़ते प्रभाव को रोकने के उद्देश्य से प्रांत के समर्थक में अमेरिका ने प्रत्यक्ष हिंद चीन में उतारने का निश्चय किया। चुकीं रूस पहले से साम्यवादी चीन का समर्थन कर रहा था अतः तृतीय विश्व युद्ध की संभावना नजर आ रही थी। इन्हीं परिस्थिति में मई, 1954 में जेनेवा समझौता हुआ जिसके फलस्वरूप वियतनाम को दो हिस्सों में बांट उत्तरी वियतनाम साम्य वादियों को तथा दक्षिणी वियतनाम फ्रांस अमेरिका समर्थित सरकार को दे दिया गया।
लाओस और कंबोडिया में बैठे राजतंत्र के रूप को स्वीकार कर संसदीय शासन प्रणाली अपनाई गई। इस व्यवस्था के बाद भी साम्यवादी, दक्षिणी वियतनाम, लाओस तथा कंबोडिया में प्रभाव बढ़ते जा रहे थे, जबकि अमेरिका इन क्षेत्रों को साम्यवादी प्रभाव में जाने से रोकने के लिए कृत संकल्प था।
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